आदर्श व्यक्तियों की पहचान...

समाज के निर्माण और उसकी प्रगति में कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं, जो दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बन जाते हैं। ये व्यक्ति अपने चरित्र, आचरण, कर्तव्यपरायणता और सेवा-भाव से समाज में एक अलग पहचान स्थापित करते हैं। इन्हें ही हम आदर्श व्यक्ति कहते हैं। आदर्श व्यक्ति केवल अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए जीते हैं।

1. चरित्र की दृढ़ता...
आदर्श व्यक्ति का सबसे पहला गुण होता है उसका मजबूत चरित्र। वे सत्य, ईमानदारी और नैतिक मूल्यों से कभी समझौता नहीं करते। चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों, वे सच्चाई के मार्ग पर अडिग रहते हैं।

2. सेवा का भाव...
एक आदर्श व्यक्ति समाज की भलाई के लिए कार्य करता है। उसका उद्देश्य केवल स्वयं की उन्नति नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति का कल्याण होता है। वह दूसरों की सहायता को अपना कर्तव्य मानता है।

3. विनम्रता और सहनशीलता...
अहंकार से दूर रहकर आदर्श व्यक्ति विनम्र और सहनशील होता है। वह दूसरों की आलोचना को भी सकारात्मक रूप से लेता है और उसमें सुधार करने का प्रयास करता है।

4. कर्मनिष्ठा...
आदर्श व्यक्ति अपने कार्यों के प्रति पूरी तरह समर्पित होता है। वह आलस्य को स्थान नहीं देता और प्रत्येक कार्य को समय पर और पूर्ण निष्ठा से करता है।

5. प्रेरणादायक जीवन...
उनका जीवन दूसरों के लिए एक उदाहरण होता है। वे अपने व्यवहार से समाज में नैतिक मूल्यों की स्थापना करते हैं और दूसरों को अच्छा करने की प्रेरणा देते हैं।

और अंत में...

आदर्श व्यक्ति समाज की वह रोशनी होते हैं, जो अंधकार में भी रास्ता दिखाते हैं। उनके जीवन से हम यह सीख सकते हैं कि यदि हम अपने विचारों और कर्मों में ईमानदारी रखें, तो हम भी समाज के लिए आदर्श बन सकते हैं।

डॉ मनीष वैद्य। 
सचिव 
वृद्ध सेवा आश्रम, रांची

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