"छोटे प्रयास, बड़ा परिवर्तन"...

हममें से अधिकतर लोग यह सोचते हैं कि देश और समाज के लिए कुछ बड़ा करना ही देशभक्ति या समाजसेवा है। जबकि सच्चाई यह है कि समाज और राष्ट्र के विकास की नींव छोटे-छोटे कार्यों पर टिकी होती है। जो कार्य देखने में छोटे लगते हैं, वही असल में समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की सबसे मजबूत कड़ी बनते हैं।

सुबह या शाम मोहल्ले की स्ट्रीट लाइट को समय पर ऑन या ऑफ कर देना कोई बड़ी बात नहीं लगती, पर यह बिजली बचाने, सुरक्षा बढ़ाने और संसाधनों के सदुपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसी प्रकार, अपने घर के आसपास साफ-सफाई बनाए रखना, न केवल अपने स्वास्थ्य की रक्षा करता है, बल्कि यह दूसरों को भी स्वच्छता के प्रति प्रेरित करता है।

ट्रैफिक नियमों का पालन करना, सही दिशा में चलना, फुटपाथ का उपयोग करना—यह सब हमारी रोजमर्रा की जिदंगी के सामान्य से कार्य हैं। लेकिन जब हम इन्हें सही ढंग से करते हैं, तो सड़क दुर्घटनाएं कम होती हैं, समय की बचत होती है और समाज में अनुशासन की भावना पनपती है।

कभी-कभी रास्ते में किसी वृद्ध व्यक्ति को सड़क पार करवाना, किसी जरूरतमंद को भोजन देना, या किसी अनपढ़ को पढ़ना सिखाना जैसे कार्य न सिर्फ इंसानियत का परिचय देते हैं, बल्कि समाज में संवेदनशीलता और सहयोग की भावना को भी प्रबल करते हैं।

आज समाज को महापुरुषों की नहीं, बल्कि हर घर से निकलने वाले ऐसे नागरिकों की आवश्यकता है जो छोटे-छोटे कामों को जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ करें। जब हर व्यक्ति अपने हिस्से का कर्तव्य निभाने लगेगा, तब न भ्रष्टाचार बचेगा, न गंदगी, न असुरक्षा और न ही अव्यवस्था।

इसलिए आइए, संकल्प लें कि हम अपने दिनचर्या के भीतर ही समाज सेवा के ऐसे छोटे-छोटे कार्य करें जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकें। क्योंकि...

"हर छोटा प्रयास मिलकर बड़ा बदलाव लाता है।"
"बदलाव के लिए दूसरों की प्रतीक्षा न करें, स्वयं एक शुरुआत बनें।"

डॉ मनीष वैद्य!
सचिव 
वृद्ध सेवा आश्रम, रांची

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