भारत देश और यहाँ के बुजुर्ग...

भारत, एक विविधताओं से भरा देश, अपनी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहाँ के समाज में बुजुर्गों को विशेष सम्मान और आदर दिया जाता है। भारतीय संस्कृति में परिवार और सामुदायिक जीवन का केंद्र बुजुर्ग माने जाते हैं।

बुजुर्गों की भूमिका

1. संस्कार और परंपराओं का संरक्षण:
बुजुर्ग भारतीय समाज के संस्कारों और परंपराओं के संरक्षक होते हैं। वे बच्चों को नैतिक मूल्यों, आध्यात्मिकता और पारिवारिक जिम्मेदारियों का महत्व सिखाते हैं।

2. परामर्शदाता:
बुजुर्ग अपने अनुभवों के आधार पर परिवार और समुदाय को मार्गदर्शन देते हैं। उनके अनुभव जीवन के हर क्षेत्र में उपयोगी साबित होते हैं, चाहे वह शिक्षा हो, कृषि, व्यापार या सामाजिक जीवन।

3. पारिवारिक एकता के प्रतीक:
संयुक्त परिवार प्रणाली में, बुजुर्ग परिवार के प्रमुख होते हैं और पूरे परिवार को एकता के सूत्र में बांधते हैं।

समस्याएं जिनका सामना बुजुर्ग करते हैं

1. आधुनिकता और पारंपरिकता के बीच संघर्ष:
शहरीकरण और वैश्वीकरण के चलते पारंपरिक संयुक्त परिवार प्रणाली टूट रही है, जिससे बुजुर्ग अक्सर अकेलेपन का सामना करते हैं।

2. आर्थिक निर्भरता:
कुछ बुजुर्ग आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं होते, जिससे उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

3. स्वास्थ्य समस्याएं:
बुजुर्गों को अक्सर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं, लेकिन उन्हें उचित स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का सामना करना पड़ता है।

4. सम्मान की कमी:
समाज के कुछ हिस्सों में बुजुर्गों को उनके विचारों और अनुभवों के लिए वह सम्मान नहीं मिलता, जिसके वे हकदार हैं।

बुजुर्गों के लिए समाधान

1. समर्थन प्रणाली:
बुजुर्गों के लिए विशेष सरकारी योजनाएँ, जैसे पेंशन और स्वास्थ्य सेवाएँ, उनकी स्थिति सुधारने में सहायक हो सकती हैं।

2. पारिवारिक जिम्मेदारी:
परिवार को बुजुर्गों के प्रति अपने दायित्व समझने चाहिए और उन्हें भावनात्मक, आर्थिक और शारीरिक समर्थन देना चाहिए।

3. सामाजिक जागरूकता:
समाज को यह समझने की आवश्यकता है कि बुजुर्ग हमारे अतीत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ने वाले सेतु हैं। उनके अनुभव और ज्ञान का सम्मान करना आवश्यक है।

4. पुरानी परंपराओं का संरक्षण:
नई पीढ़ी को यह सिखाना महत्वपूर्ण है कि आधुनिकता के साथ परंपराओं का संतुलन कैसे बनाया जाए।

भारत के बुजुर्ग समाज की आत्मा हैं। उनके अनुभव और ज्ञान का सही उपयोग समाज को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। हमें उनके योगदान को पहचानने और उनका सम्मान करने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए।...✍

धन्यवाद!

डाॅ मनीष वैद्य 
सचिव 
"वृद्ध सेवा आश्रम" राँची, झारखंड

Popular posts from this blog

ढलती उम्र में युवाओं की शादियां...

आपसबों से विनम्र आग्रह🙏बुजुर्गों को मदद करें...

आम जनता की सरकार के प्रति कई जिम्मेदारियां...