सनातन धर्म विश्व के लिए कितना प्रभावी?एक सार्वभौमिक दर्शन की प्रासंगिकता पर मेरे विचार...
सनातन धर्म विश्व के लिए कितना प्रभावी?
एक सार्वभौमिक दर्शन की प्रासंगिकता पर मेरे विचार...
सनातन धर्म, जिसका अर्थ ही है शाश्वत धर्म, कोई सीमित काल या भूगोल से बंधा हुआ धर्म नहीं है। यह न किसी एक पैगंबर पर आधारित है, न किसी एक किताब पर। यह जीवन का विज्ञान, सत्य की खोज और विश्व की एकता का वह दर्शन है, जो न केवल भारत, बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो चुका है।
सनातन धर्म की नींव वसुधैव कुटुम्बकम् पर टिकी है "पूरा विश्व एक परिवार है।" यह किसी भी मजहब या संप्रदाय को नीचा नहीं दिखाता, बल्कि यह कहता है...
“एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति।”
सत्य एक है, ज्ञानी उसे अलग-अलग नामों से पुकारते हैं।
आज जब दुनिया जाति, रंग, भाषा, धर्म के नाम पर बँटी हुई है, सनातन धर्म का यह समावेशी दृष्टिकोण विश्व बंधुत्व का आधार बन सकता है।
सनातन धर्म ने जो योग, प्राणायाम, ध्यान, आयुर्वेद जैसी विधियाँ दीं, आज वो संयुक्त राष्ट्र से लेकर अमेरिका, यूरोप, जापान तक फैली हुई हैं। International Yoga Day को 180 से अधिक देश मनाते हैं। मानसिक तनाव, अवसाद और अकेलेपन से जूझती दुनिया को सनातन धर्म की ये विधियाँ नया जीवन दे रही है। आज पूरी दुनिया climate change से लड़ रही है, सनातन धर्म हजारों वर्षों पहले से ही कहता आया है...
"पृथ्वी माता है, हम उसके पुत्र हैं।"
"वनों और नदियों की पूजा करो, क्योंकि यही जीवन का स्रोत हैं।"
सनातन धर्म का प्रकृति के साथ संतुलन का संदेश आज के पर्यावरणीय संकट में एक प्रकाशपुंज है।
सनातन धर्म केवल विश्वास का धर्म नहीं, तर्क और अनुभव का भी धर्म है। इसमें चार युक्तियाँ हैं प्रत्यक्ष, अनुमान, उपमान और शास्त्र जिनसे सत्य की खोज होती है। इससे व्यक्ति आध्यात्मिक भी बनता है और वैज्ञानिक भी।
सनातन धर्म आत्मा की समानता को स्वीकार करता है चाहे वह किसी भी जाति, लिंग, रंग या धर्म की हो।
आतंकवाद और कट्टरता के विरुद्ध यह धर्म किसी एक रास्ते को अंतिम नहीं मानता, बल्कि हर आत्मा को मुक्त होने का अधिकार देता है। साथ ही गीता, वेदांत और उपनिषद जैसे ग्रंथ जीवन के संघर्ष में संतुलन सिखाते हैं।
और अंत में...
सनातन धर्म आज के भौतिकतावादी और तनावग्रस्त युग के लिए एक आध्यात्मिक औषधि है। इसका संदेश केवल पूजा-पद्धति तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन को पूर्णता से जीने की कला है।
विश्व को आज जिस शांति, समरसता और संतुलन की तलाश है सनातन धर्म उसी का उत्तर है।
जय सनातन धर्म!🙏🚩
डॉ मनीष वैद्य!
सचिव